सांसारीक मनुष्य के जीवन में माँ लक्ष्मी देवी का आशिर्वाद अत्यंत आवश्यक है.माँ लक्ष्मी देवी का आशिर्वाद प्राप्त होनेपर धनप्राप्ती होती है, और परिवार में सुख-शांती और आनंद रहता है. माँ लक्ष्मीदेवी आप और आप के परिवार पर प्रसन्न रहे, इसके लिये देवी की मनःपूर्वक आराधना करना आवश्यक है.
माँ लक्ष्मीदेवी के आठ रूप हैं, जिन्हें “अष्टलक्ष्मी” कहतें हैं. माँ लक्ष्मी देवी अपने इन आठ रूपों द्वारा आराधना करनेंवाले भाविक (भक्त) के परिवार को आशिर्वाद देती है, और परिवार की मनोकामना पूर्ती करते हुये उनका जीवन सुख-शांतीमय और समृद्ध करतीं हैं.
माँ अष्टलक्ष्मी के निम्नलिखित आठ रूप हैं –
१. धनलक्ष्मी – माँ लक्ष्मीदेवी का यह रूप धन संपत्ति और समृद्धी प्रदान करनेंवाला है. इस रूप को “वैभव लक्ष्मी” भी कहा जाता हैं.
२. संतानलक्ष्मी – हमें अच्छी सुदृढ़ और बुद्धिमान संतान हो, यह मनोकामना पूर्ण करनेंवाली“संतानलक्ष्मी” है. उसी प्रकार, हमारी वर्तमान संतान शारीरिक और बौद्धिक रूप से प्रगति करें, भक्तों की यह मनोकामना भी संतान लक्ष्मी पूर्ण करती है.
३. धैर्यलक्ष्मी – जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिये “धीरज” (Patience ) का होना अत्यंत आवश्यक है. परिस्थिति कितनी ही कठिन क्यों ना हो धैर्यवान व्यक्ति ही उस कठीन स्थिति पर विजय प्राप्त कर सकता है. धैर्यलक्ष्मी के आशिर्वाद से यह मनोकामना भी पूर्ण होती है.
४. गजलक्ष्मी: गज (हाथी) यह राजसी वैभव (Royal Splendor) का प्रतिक है. गजलक्ष्मी के रूप में दर्शाये गये सफेद हाथी, यह इंद्रदेव के ऐरावत है. गजलक्ष्मी की आराधना करने से भक्त की “राजसी वैभव” प्राप्त करने की मनोकामना पूर्ण होती हैं.
५. विद्यालक्ष्मी- हमनें अर्जीत (प्राप्त) की हुई विद्या का धन में रूपांतरण करनें की शक्ति, अर्थात हमारी “शैक्षणिक योग्यता” (Educational Qualification) का उपयोग कर हमारी नौकरी- व्यवसाय में आर्थिक प्रगति होने का आशिर्वाद, विद्यालक्ष्मी देती है.
६. विजयलक्ष्मी- हमनें जिम्मेदारी से स्वीकार किए हुए कार्य में, हमें भरपूर सफलता मिले, अर्थात विजय मिले, इस मनोकामना पूर्ति के लिये विजयलक्ष्मी देवी की आराधना आवश्यक है.
७. धान्यलक्ष्मी – धान्यलक्ष्मी देवी की आराधना से, हमारे परिवार को “अक्षयपात्र” का आशिर्वाद मिलता है, इस आशिर्वाद की कृपा से हमारे परिवार को “अन्य-धान्य” की कमतरता का कभी भी सामना नहीं करना पड़ता. (अक्षयपात्र -अर्थात कभी भी रिक्त (खाली) न होने वाला पात्र )
८. आदीलक्ष्मी – ब्रह्मांड पूराण के अनूसार, आदीलक्ष्मी से ही ब्रह्मा-विष्णु-महेश जो इस सृष्टि के रचयिता, रक्षणकर्ता और संहारक हैं, इनकी उत्पत्ती हुई हैं, आदीलक्ष्मी ही संपूर्ण ब्रह्मांड की जननी (माता) हैं, और आदीलक्ष्मी की आराधना से सर्व देवी-देवताओं का आशिर्वाद आपके परिवार को प्राप्त होता है.
अष्टलक्ष्मी पूजा के अतिरिक्त फायदे –
1. वैवाहिक विवाद ( Marital Discord ) सुलझनें में मदत मिलती है.
2. विवाह होनें में होनेवाली देरी (Delay ) का हल (Solution ) प्राप्त होता है.
3. परिवार के अन्य सदस्यों के साथ “पारिवारीक संबंध मधुर” होते है.
सांसारिक मनुष्य अत्यंत परिश्रम पूर्वक स्वयं की और अपने परिवार की सर्वांगिण प्रगती के लिए कार्यरत रहता है. जीवन में परिश्रम करना अत्यंत आवश्यक है, तथापी जिन भक्तों को मां लक्ष्मी देवी का आशिर्वाद प्राप्त होता है ऐसे भक्तों और उनके परिवार की आर्थिक प्रगती निरंतर होती है, और वह एक समृद्ध एवं आनंदमय जीवन यापन करतें हैं.
अतः “मनोकामना पूर्ति अष्टलक्ष्मी पूजा” का आयोजन श्रद्धापूर्वक करना, प्रत्येक परिवार के लिये आवश्यक है.
प्रसाद पैकेज :
लेमिनेटेड रंगीन अष्टलक्ष्मी की फ़ोटो
प्रसाद हल्दी – कुमकुम
प्रसाद मिश्री
वस्त्र प्रसाद – Semi पैठनी साड़ी
(यह साड़ी पवित्रता, समृद्धि और दिव्य आशीर्वाद का प्रतीक है)